श्रीमहादेव उवाच त्रैलोक्य विजयस्यास्य कवचस्य प्रजापितः। ऋषिश्छन्दश्च गायत्री देवी राधेश्वरः स्वयम्।। त्रैलोक्य विजयप्राप्तौ विनियोगः प्रकीर्तितः। परात्परं च कवचं त्रिषु लोकेषु दुर्लभम्।। प्रणवो मे शिरःपातु श्रीकृष्णाय नमः सदा। पायात् कपालं कृष्णाय स्वाहा पंचाक्षरः स्मृतः।। कृष्णेति पातु नेत्र च कृष्ण स्वाहेति तारकम्। हरये नम इत्येवं भ्रूलतां पातु मे सदा।। ॐ गोविन्दाय स्वाहेति नासिकां …
Day: August 25, 2020
पार्वत्युवाच कैलासवासिन् भगवान् भक्तानुग्रहकारक। राधिकाकवचं पुण्यं कथयस्व मम प्रभो।। यद्यस्ति करुणा नाथ त्रहि मां दुःखताभयात्। त्वमेव शरणं नाथ शूलपाणे पिनाकधृक्।। शिव उवाच श्रृणुष्व गिरिजे तुभ्यं कवचं पूर्वसंचितम्। सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वहत्याहरं परम्।। हरिभक्तिप्रदं साक्षाद्भुक्तिमुक्तिप्रसाधनम्। त्रैलोक्याकर्षणं देवि हरिसान्निध्यकारकम्।। सर्वत्र जयदं देवि सर्वशत्रुभयावहम्। सर्वेषां चैव भूतानां मनोवृत्तिहरं परम्।। चतुर्धा मुक्तिजनकं सदानन्दकरं परम्। …
।।श्री राधाबल्लभो जयति।। जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे।। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा।। श्यामा गोरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे।। रसिक रसीलौ छैलछबीलौ, गुन गरबीलौ श्री कृष्णा।। रासबिहारिनि रसविस्तारिनि, पिय उर धारिनि श्री राधे।। नव-नव रंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा।। प्राणपियारी रूप …
जयति श्रीराधिके सकल सुख साधिके, तरुनि मनि नित्य नव तन किसोरी। कृष्ण तन नील घन रूप की चातकी, कृष्ण मुख हिम-किरन की चकोरी।। कृष्ण दृग-भृंग विश्राम हित पप्रिनी, कृष्ण-दृग मृगज बंधन सुडोरी। कृष्ण अनुराग मकरंद की मधुकरी, कृष्ण गुन-गान रस-सिंधु-बोरी।। बिमुख पर चित्त ते चित्त याकौ सदा, करत निज नाह की चित्त चोरी। प्रकृत यह …
जय जय श्री राधे जू मैं शरण तिहारी। लोचन आरती जाऊँ बलिहारी।।जय जय श्री राधे जू… पाट पटम्बर ओढ़े नील सारी। सीस के सैन्दुर जाऊँ बलिहारी।।जय जय श्री राधे जू… रतन सिंहासन बैठे श्री राधे। आरती करें हम पिय संग जोरी।।जय जय श्री राधे जू… झलमल-झलमल मानिक मोती। अब लक मुनि मोहे पिय संग जोरी।।जय …