ॐ परब्रह्मणे विद्महे, गुरुदेवाय च धीमहि, तन्नो सद्गुरु प्रचोदयात्।
ध्यानमूलं गुरुर्मूर्तिः, पूजामूलं गुरुर्पदम्।
मन्त्रमूलं गुरुर्वाक्यं, मोक्षमूलं गुरूर्कृपा।।
श्रीगुरुपूर्णिमा महापर्व की मंगल बधाइयां और हार्दिक शुभकामनाएं।
आज अधिकांशतः गुरु शिष्य का वित्त हरण करने वाले हैं; परंतु, शिष्य का चित्त हरण करने वाले पूज्य बाबा श्रीपाद जी महाराज जैसे गुरु संभवतः बिरले ही दिखाई देते हैं।