“वैशाखी” की अनंत शुभकामनायें

आपको सपरिवार मेष संक्रांति और नवफसल, नवचेतना, नवसंचार, नवोत्थान, सुख समृद्धि, शांति, आनंद उल्लास और माटी की सोंधी सुगंध के पावन महापर्व “वैशाखी” की बहुत-बहुत बधाइयां और अनंत शुभकामनायें।

यह यह पर्व सिखों के लिए विशेष धार्मिक महत्व भी रखता है, क्योंकि आज ही के दिन 1699 में दसवें गुरु “गुरु गोबिंद सिंह जी” ने खालसा संघ का गठन कर विधिवत् सिख पंथ की नींव रखी थी।‌ आज के दिन से ही हिंदू कैलेंडर के दूसरे महीने “वैशाख माह” का भी प्रारंभ होता है।‌


यह त्यौहार नयी फसलों के मौसम और नये फसल वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस समय रबी की फसलों की कटाई और खरीफ की फसलों की बोआई के लिए ज़मीन तैयार की जाती है इसीलिए यह एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाने, फसलों के लिए आभार व्यक्त करने और भविष्य के लिए आशीर्वाद माँगने का भी समय है। यह पर्व दर्शाता है कि परिश्रम ही सफलता, सुख और शांति की सर्वमूल कुंजी है। पुनः “बैसाखी” दी लख लख बधाइयां।
सादर
~ मनोज शर्मा, चार दिशाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *