(श्री राधा-रानी जी के मन्दिर, बरसाना की मुख्य आरती)
गाओ सखी आरती प्रियतम और प्यारी की।
भानु दुलारी की, गिरिवर धारी की, हो रास बिहारी की।।
गाओ सखी आरती प्रियतम और प्यारी की…
कंचन थार कपूर सजाओ, धूप दीप करि चंवर डुरावौ
बलि-बलि जाऊँ सखी, प्रियवर और प्यारी की।
भानु दुलारी की, गिरिवर धारी की, हो रास बिहारी की।।
गाओ सखी आरती प्रियवर और प्यारी की…
मोर मुकुट कुण्डल वनमाला, मुरली अधर धर बैठे नन्द लाला
नैन लखोरी छवि, प्रियतम और प्यारी की।
भानु दुलारी की, गिरिवर धारी की, हो रास बिहारी की।।
गाओ सखी आरती प्रियतम और प्यारी की…
शीश चन्द्रिका की छवि न्यारी, नील बरन सौहे तन साड़ी
ललित किशोरी राधे बरसाने वारी की।
भानु दुलारी की, गिरिवर धारी की, हो रास बिहारी की।।
गाओ सखी आरती प्रियवर और प्यारी की…
बैठ सिंहासन दिये गलबाहीं, रसिकजनन हिय बसत सदा ही
बलि-बलि जाऊँ सखी, प्रियवर और प्यारी की।
भानु दुलारी की, गिरिवर धारी की, हो रास बिहारी की।।
गाओ सखी आरती प्रियतम और प्यारी की…