मेरी बात

श्री गुरू महिमा

मनोज शर्मा भारतीय सभ्यता संस्कृति के पांच आधार स्तम्भ हैं :  गंगा, गाय, गीता, गायत्री और गुरू। इनके बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सात समुद्र की मसि करूँ, लेखनी सब बनराय। धरती सब कागद करूँ, गुरु गुन लिखा न जाय।। कबीरदासजी ने कहा है कि ‘सातों समुद्रों के पानी को स्याही, सारे जंगलों …

अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा ही श्राद्ध है

आज अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तदनुसार बृहस्पतिवार, 3 सितंबर से पितृपक्ष यानि महालय श्राद्ध शुरु हो रहे हैं, जो अश्विन अमावस्या तदनुसार 17 सितंबर, गुरूवार तक चलेंगे। भारतीय परंपरा में श्राद्धों का विशेष महत्व माना जाता है। इसे महालया पार्वण श्राद्ध भी कहते हैं। श्रद्धा भाव से पितरों का आवाह्न् करने पर पितृ प्रसन्न् होते हैं …

श्री गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना

श्री गणेश चतुर्थी के पुण्य अवसर पर ‘श्री हरि कृपा डॉट काॅम‘ (http://sriharikripa .com) के तत्वावधान में गुलमोहर पार्क नई दिल्ली निवासी सौम्या शर्मा ने अपने निवास स्थान पर गणपति स्थापना का भव्य आयोजन किया। Online Live Webinar के माध्यम से वाराणसी से श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के तीर्थ पुरोहित व वैदिक ब्राह्मण पंडित वेंकटेश …

सावन के महीने में शिव पूजा की महिमा

मनोज शर्मा यूँ तो बारहों महीनों चौबीसों घंटों में से कभी भी किसी भी अवस्था में किया गया भगवान का भजन पूजन लाभकारी व कल्याणकारी ही होता है। मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥ अर्थात् : श्रद्धा प्रेम भाव से, बगैर श्रद्धा भाव …

यह वेबसाइट क्यों?

दिव्य शास्त्रों, स्तोत्रों, स्तुतियों और प्रसंगों के श्रवण अध्यन मनन चिंतन से हृदय के अंतस में ईश्वर प्रेम का दीप प्रजज्वलित हो जाता है और यही इस मनुष्य जीवन की सार्थक उपलब्धि भी होती है। आजकल चे भौतिकतावादी संसार में प्रायः चारों ओर घनघोर अंधकार ही दिखायी देता है और उसी अंधेरे में प्रायः सभी …

श्री गुरू महिमा

मनोज शर्मा भारतीय सभ्यता संस्कृति के पांच आधार स्तम्भ हैं :  गंगा, गाय, गीता, गायत्री और गुरू। इनके बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सात समुद्र की मसि करूँ, लेखनी सब बनराय। धरती सब कागद करूँ, गुरु गुन लिखा न जाय।। कबीरदासजी ने कहा है कि ‘सातों समुद्रों के पानी को स्याही, सारे जंगलों …