दानवेंद्र बलि की दानशीलता से द्रवित हो द्वारपाल बन गए विष्णुवतारी वामन जब जब होई, धरम कै हानि।बाढ़हि असुर, अधम अभिमानी।।करहि अनीति, जाई नहीँ बरनी।सिदही विप्र, धेनु सुर धरनी।।तब तब प्रभु धरि, विविध शरीरा।हरहिं कृपा निधि, सज्जन पीरा।। अर्थात : जब जब धर्म का ह्रास होता है और नीच अभिमानी राक्षस बढ़ जाते हैं, और …
परात्पर परब्रह्म भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति उनकी सर्वेश्वरी प्राणेश्वरी हृदेश्वरी, आदिशक्ति जगतजननी बृजेश्वरी श्रीराधारानी जी के प्राकट्य दिवस जन्मोत्सव ‘श्रीराधा अष्टमी’ के परम पवित्र पावन और पुण्यमय अवसर पर श्री हरि कृपा डॉट काॅम‘ (http://sriharikripa .com) के तत्वावधान में पंडित हरिदत्त शर्मा निवास गुलमोहर पार्क नई दिल्ली में श्रीयुगलसरकार एवं श्रीगुरुकृपा से “श्रीराधा अष्टमी” …
ब्रह्म जिसकी आराधना करे वो श्रीराधाप्रेम का मूर्त स्वरूप है श्रीराधा “देंन बधाई चलो आली,भानु घर प्रकटी हैं लाली।घर घर मंगल छायो है आज,कीरति नें लाली जाई है आज। राधा रानी ने जन्म लियौ है।सब सुखदानी ने जनम लियौ है॥भानु दुलारी ने जनम लियौ है।कीर्ति कुमारी ने जनम लियौ है॥ आज धन्य हुई जा रही …
श्रीमहादेव उवाच त्रैलोक्य विजयस्यास्य कवचस्य प्रजापितः। ऋषिश्छन्दश्च गायत्री देवी राधेश्वरः स्वयम्।। त्रैलोक्य विजयप्राप्तौ विनियोगः प्रकीर्तितः। परात्परं च कवचं त्रिषु लोकेषु दुर्लभम्।। प्रणवो मे शिरःपातु श्रीकृष्णाय नमः सदा। पायात् कपालं कृष्णाय स्वाहा पंचाक्षरः स्मृतः।। कृष्णेति पातु नेत्र च कृष्ण स्वाहेति तारकम्। हरये नम इत्येवं भ्रूलतां पातु मे सदा।। ॐ गोविन्दाय स्वाहेति नासिकां …
पार्वत्युवाच कैलासवासिन् भगवान् भक्तानुग्रहकारक। राधिकाकवचं पुण्यं कथयस्व मम प्रभो।। यद्यस्ति करुणा नाथ त्रहि मां दुःखताभयात्। त्वमेव शरणं नाथ शूलपाणे पिनाकधृक्।। शिव उवाच श्रृणुष्व गिरिजे तुभ्यं कवचं पूर्वसंचितम्। सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वहत्याहरं परम्।। हरिभक्तिप्रदं साक्षाद्भुक्तिमुक्तिप्रसाधनम्। त्रैलोक्याकर्षणं देवि हरिसान्निध्यकारकम्।। सर्वत्र जयदं देवि सर्वशत्रुभयावहम्। सर्वेषां चैव भूतानां मनोवृत्तिहरं परम्।। चतुर्धा मुक्तिजनकं सदानन्दकरं परम्। …
।।श्री राधाबल्लभो जयति।। जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे।। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा।। श्यामा गोरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे।। रसिक रसीलौ छैलछबीलौ, गुन गरबीलौ श्री कृष्णा।। रासबिहारिनि रसविस्तारिनि, पिय उर धारिनि श्री राधे।। नव-नव रंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा।। प्राणपियारी रूप …
जयति श्रीराधिके सकल सुख साधिके, तरुनि मनि नित्य नव तन किसोरी। कृष्ण तन नील घन रूप की चातकी, कृष्ण मुख हिम-किरन की चकोरी।। कृष्ण दृग-भृंग विश्राम हित पप्रिनी, कृष्ण-दृग मृगज बंधन सुडोरी। कृष्ण अनुराग मकरंद की मधुकरी, कृष्ण गुन-गान रस-सिंधु-बोरी।। बिमुख पर चित्त ते चित्त याकौ सदा, करत निज नाह की चित्त चोरी। प्रकृत यह …
जय जय श्री राधे जू मैं शरण तिहारी। लोचन आरती जाऊँ बलिहारी।।जय जय श्री राधे जू… पाट पटम्बर ओढ़े नील सारी। सीस के सैन्दुर जाऊँ बलिहारी।।जय जय श्री राधे जू… रतन सिंहासन बैठे श्री राधे। आरती करें हम पिय संग जोरी।।जय जय श्री राधे जू… झलमल-झलमल मानिक मोती। अब लक मुनि मोहे पिय संग जोरी।।जय …
शेषावतार भगवान श्रीबलराम जी की जयंती “श्रीबलदेव षष्ठी” पर विशेष आलेख
ब्रज के राजा दाऊ दयाल ब्रह्मांड नायक परात्पर परब्रह्म भगवान विष्णु के आधारभूत शैय्या रूप भगवान शेषनाग ने द्वापर युग में श्रीवसुदेवजी की सातवीं संतान और श्रीकृष्ण के बड़े भाई भगवान बलभद्र के रूप में ब्रज मंडल में अवतार लिया। श्रीबलरामजी श्रीकृष्ण की समस्त लीलाओं में, उनके सभी कार्यों में उनके सहयोगी रक्षक मार्गदर्शक भय …
श्रीराधा-कृष्ण की सर्व प्रधान सखी श्री ललिता जी की जयंती ‘श्रीललिता षष्ठी’ पर विशेष आलेख
श्रीललिता सखी ही हैं, त्रिपुर सुन्दरी ललिताम्बा श्रीराधारानी की आठ अति प्रिय सखी मानी गई हैं, जिनकी जन्मस्थली भी श्रीराधारानी की जन्मस्थली बरसाना के आसपास के आठ गांवों में मानी जाती है। इन आठों सखियों में से श्रीराधाजी की सबसे प्रधान सखी श्रीललिता सखी का जन्मस्थान बरसाना के पश्चिम में दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर …