मनोज शर्मा यूँ तो बारहों महीनों चौबीसों घंटों में से कभी भी किसी भी अवस्था में किया गया भगवान का भजन पूजन लाभकारी व कल्याणकारी ही होता है। मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥ अर्थात् : श्रद्धा प्रेम भाव से, बगैर श्रद्धा भाव …